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कविता

तीसरा एस.एम.एस.

नीलेश रघुवंशी


''राम मंदिर के अधिकार के लिए प्रार्थना करो
चौबीस सितंबर को कोर्ट का फैसला है
सभी हिंदू भाई से प्रार्थना की उम्मीद है...
इस मैसेज को आग की तरह फैला दो
जो हिंदू राम का नहीं वो किसी काम का नहीं
'जय श्री राम'...।''

''मुसलमानो सब्र करो
वह वक्त अब करीब है
जब बाबरी मस्जिद में
राम भी नमाज पढ़ेगा।
इस मैसेज को आगे के
मुसलमानों को फारवर्ड करो
अल्लाह उसका अजर तुम्हें देगा
अल्लाह हो अकबर... खुदा हाफिज।''

'' - ओ दीदी प्याज दो न
रोटी लेके आए हैं, सब्जी नईं हैं हमारे पास
यहीं पीछे वाली बिल्डिंग में काम कर रहे हैं
दो न, एक प्याज दो न।''
तीसरा एस.एम.एस. बनकर ठिठकी खड़ी है वो
क्या करूँ पहले इसे दूँ प्याज या
तीसरा एस.एम.एस. बनाकर कर दूँ फारवर्ड।


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